शुक्राणु नए सृजन यानि संतान की उत्पत्ति के लिए आवश्यक होते है। महिला की ओवरी से निकले अंडे तथा शुक्राणु के मिलने से , गर्भधारण होकर बच्चे का जन्म होता है। जो लोग संतान प्राप्त करना चाहते हैं या कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण नहीं हो पा रहा हो तो उन्हें शुक्राणु के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए ।
शुक्राणु की संख्या , गतिशीलता तथा उन्हें कैसे स्वस्थ रखा जाये यह जानना महत्वपूर्ण होता है। इसके अतिरिक्त शुक्राणु महिला के शरीर में कितने दिन तक जीवित रह सकते हैं , शुक्राणु आगे कैसे बढ़ते हैं , शुक्राणु और अंडा कहाँ और कैसे मिलते हैं , यह सब जानकर गर्भधारण की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
शुक्राणु को कमजोर करने वाले कारण
शुक्राणु को परिपक्व होने में 75 दिन का समय लगता है। इस समय नुकसान होने से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। कुछ सामान्य बातें जैसे पौष्टिक भोजन , संतुलित वजन , नशे से दूरी , वृषण का तापमान आदि का ध्यान रखकर shukranu को नुकसान से बचाया जा सकता है। नुकसानदेह परिस्थियों से दूर रहने से शुक्राणु स्वस्थ और मजबूत बने रहेंगे और वे अपना काम सफलता पूर्वक कर सकेंगे।
नशा
धूम्रपान , शराब तथा नशीली दवाएँ आदि प्रजनन क्षमता के लिए बहुत नुकसानदेह होते हैं। एक रीसर्च के अनुसार शराब के कारण shukranu का बनना तथा उसकी गुणवत्ता प्रभावित होती है तथा धूम्रपान से शुक्राणू की गतिशीलता कम हो जाती है। धूम्रपान के कारण शुक्राणू में DNA में खराबी हो सकती है तथा लिंग उत्थान में भी कमी आ सकती है।
पौष्टिक आहार की कमी
पौष्टिक आहार जिसमे प्रोटीन , विटामिन , खनिज तथा अन्य पोषक तत्व शामिल हों अच्छे स्वास्थ्य के साथ शुक्राणु की ताकत बनाये रखने के लिए भी जरुरी होते हैं। कुछ विशेष पोषक तत्व जैसे जिंक , फोलिक एसिड , कैल्शियम, विटामिन C , विटामिन D आदि से युक्त आहार विशेष लाभदायक होता है । इस प्रकार के आहार से shukranu बढ़ते है और मजबूत होते है।
गर्म पानी के बाथटब में नहाना
वृषण के लिए गर्म पानी नुकसानदेह होता है। एक रिसर्च के अनुसार 30 मिनट का जकूज़ी या गर्म पानी के बाथटब में नहाना shukranu की संख्या को कुछ समय के लिए कम कर सकता है।
बुखार
तेज बुखार के कारण तापमान में वृद्धि का shukranu पर असर हो सकता है। इससे शुक्राणू की संख्या और डेंसिटी कम हो सकती है।
लेपटॉप
कुछ लोग लैपटॉप को गोद में रखकर काम करते है विशेषकर बिस्तर पर लेपटॉप चलाते समय। इससे लैपटॉप की गर्मी वृषण तक पहुँच कर शुक्राणू को प्रभावित कर सकती है।
अंडरवियर
अंडरवीयर में वृषण को हवा नहीं लग पाने के कारण शुक्राणु प्रभावित हो सकते है। यदि shukranu की संख्या कम हो तो अंडरवियर के बजाय पतले कपड़े का ढ़ीला बॉक्सर या नेकर पहनना लाभदायक हो सकता है। टाइट नहीं होना चाहिए।
मोबाइल फोन
रिसर्च के अनुसार जो लोग मोबाइल फोन पेंट की जेब में रखते हैं उन्हें शुक्राणु की कमी , गतिशीलता कम होना तथा बनावट में खराबी होने की संभावना अधिक होती है। मोबाइल का रेडिएशन इसका कारण हो सकता है।
मोटापा
WHO के अनुसार पुरुष में मोटापे के कारण शुक्राणु की संख्या में कमी तथा यौन शक्ति में कमी की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
शुक्राणु के लिए अन्य भी कई परिस्थितियाँ नुकसानदेह हो सकती हैं। जैसे –
जन्मजात बनावट , संक्रमण , चोट आदि के कारण shukranu और virya को मिलाने वाली नस का बंद होना। किसी अनुवांशिक या पारिवारिक बीमारी जैसे वृषण में नसें मोटी होना आदि के कारण शुक्राणु बनना मुश्किल हो सकता है। हार्मोन का असंतुलन या किसी दवा के प्रभाव आदि के कारण भी shukranu प्रभावित हो सकते हैं।
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