पाल पथवारी और विनायक जी की कहानी – Pal Pathvari Vinayak Kahani

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पाल पथवारी और विनायक जी की कहानी Pal Pathvari Vinayakji ki kahani शीतला माता के पूजन के बाद पथवारी माता का पूजन करते समय सुनी जाती है। इससे पूजा का सम्पूर्ण फल प्राप्त होता है।

पाल पथवारी और विनायक जी की कहानी

Pal Pathwari or vinayakji ki katha kahani

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पाल पथवारी

एक बार पाल माता , पथवारी माता और  विनायक जी में खुद को बड़ा बताने के कारण झगड़ा हो गया।

सब अपने आपको दूसरे से बड़ा साबित करने के लिए झगड़ रहे थे।

एक ब्राह्मण का लड़का वहाँ से गुजर रहा था ।

पाल ,पथवारी व गजानन्द जी ने उसे रोका और कहा की हमारा झगड़ा सुलझाओ और न्याय करों।

ब्राह्मण का लड़का बोला कि मैं कल वापस आऊंगा तब न्याय करूँगा अभी तो मैं जा रहा हूँ।

घर आकर लड़के ने माँ से कहा कि कल मुझे पाल , पथवारी व गजानन्द जी का न्याय करना हैं तो माँ ने कहा बेटा किसी को छोटा मत बताना (pal pathwari viyanayak ji ki katha …)

दूसरे दिन लड़का वहाँ गया और बोला :

~  पाल माता आप तो हर व्यक्ति से बड़ी हो , क्योंकि हर व्यक्ति आता है , स्नान ध्यान करके जाते समय पैर की ठोकर दे जाता है फिर भी आप नाराज नहीं होती हो।

~   पथवारी माता आप भी बड़े हो क्योकि कोई व्यक्ति कितने भी तीर्थ कर लें , धर्म ध्यान कर लें पर वापस आने पर आपकी पूजा किये बिना उनका कार्य पूर्ण नहीं होता इसीलिए आप बड़ी है।

~   विनायक जी , आप तो बड़े हैं ही क्योकि सब देवो को मना ले पर आपको ध्याये बिना कोई काम सिद्ध नहीं हो सकता इसीलिए आप बड़े है। (pal pathwari viyanayak ji ki katha …)

पाल , पथवारी और विनायक जी प्रसन्न हो गए और बोले – बालक तेरी चतुरता से तूने हम सभी को बड़ा साबित कर दिया। हमारा आशीर्वाद सदा तेरे साथ रहेगा। यह कह कर उन्होंने थोड़े जौ के दाने उसके अंगोछे में डाल दिए।

लड़का सोचने लगा –  ये तो घाटे का सौदा रहा इतना अच्छा न्याय किया और बदले में इतने से जौ मिले।

लड़के ने घर पहुँच कर बेमन से जौ वाला अंगोछा कोने में रख दिया।

माँ अंगोछा समेटने लगी तो उसमें से चमचमाते हीरे मोती गिरने लगे।

माँ बोली बेटा न्याय करके में क्या लाया है। (pal pathwari viyanayak ji ki katha …)

लड़का बोला माँ कोने में अंगोछे में थोड़े से जौ है , जाकर देख लो।

माँ बोली उसमे से तो हीरे मोती निकल रहे हैं।

लड़के ने जाकर देखा तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।

लड़के को सब समझ आ गया कि ये देवताओं का ही आशीर्वाद है। उसने माँ को सारी बात बताई।

दोनों बहुत खुश हुए और आनंद से रहने लगे।(pal pathwari viyanayak ji ki katha …)

हे भगवान ! पाल , पथवारी माता , विनायक जी महाराज ने जिस प्रकार ब्राह्मण के लड़के को आशीर्वाद दिया ऐसा आशीर्वाद सभी को देना।

कहानी कहने ,सुनने व हुंकार भरने वालों सबको स्वास्थ्य ,समृद्धि ,धन -धान्य देना।

बोलो पथवारी माता की…..जय !!!

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